दोस्तों, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जब से केके पाठक ने शिक्षा सचिव के तौर पर काम शुरू किया है, तब से बिहार के सरकारी शिक्षा संस्थानों में एक बड़ा बदलाव आया है, मानों बिहार की सरकारी शिक्षा संस्थानों में प्राइवेट संस्थानों जैसी रौनक लौट आयी है।
आजकल बिहार के सरकारी विद्यालयों और महाविद्यालयों में ऐसी भीड़ लग रही है, जैसे कि छोटे मैदान में कोई बड़े नेता आ गए हों।
हालांकि आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यदि आप बिहार की किसी संस्था से इंटरमीडिएट, ग्रेजुएशन या पोस्ट-ग्रेजुएशन कर रहे हैं और किसी कारणवश लम्बे समय से विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं, तो आपका नामांकन रद्द किया जा सकता है।
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