क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ एक टैक्स पूरी दुनिया की इकोनॉमी को हिला सकता है? ऐसा ही हुआ था जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'टैरिफ' नाम के एक टैक्स को हथियार बना दिया। इससे दुनिया भर की सरकारें, कंपनियां और आम लोग तक घबरा गए।
लेकिन असल में टैरिफ होता क्या है? और ट्रंप ने इसे क्यों इतना बड़ा मुद्दा बना दिया? आइए, आसान भाषा में समझते हैं।
📝 टैरिफ क्या है?
टैरिफ एक तरह का टैक्स होता है जो किसी देश की सरकार दूसरे देशों से आने वाली चीजों पर लगाती है। जब कोई चीज विदेश से आती है और उस पर टैक्स लगता है, तो वह चीज देश में महंगी हो जाती है। इससे अपने देश के सामान को बढ़ावा मिलता है क्योंकि वो सस्ता लगता है।
मान लीजिए भारत चीन से खिलौने मंगाता है और सरकार उन पर 20% टैरिफ लगा देती है। अब वही खिलौने भारत में पहले से 20% ज्यादा दाम में बिकेंगे। इसका फायदा यह होगा कि भारत में बने खिलौने लोगों को सस्ते लगेंगे और उनकी बिक्री बढ़ेगी।
US ट्रंप और टैरिफ
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में टैरिफ को हथियार की तरह इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका का बहुत नुकसान हो रहा है क्योंकि दूसरे देश सस्ता सामान बेच रहे हैं और अमेरिका के लोग विदेशों में बनी चीजें ज्यादा खरीदते हैं। इससे अमेरिका की कंपनियों को नुकसान हो रहा है।
2025 में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के बाहर से आने वाले स्मार्टफोनों पर 25% और यूरोप से आने वाले सारे सामान पर 50% टैरिफ लगेगा। उनका मकसद था कि कंपनियां अमेरिका में ही फैक्ट्री लगाएं और लोग अमेरिका की बनी चीजें खरीदें।
🌍 दुनिया पर असर
ट्रंप की इस घोषणा के बाद पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था हिल गई। यूरोप की बड़ी कंपनियों के शेयर गिरने लगे।
- जर्मनी का शेयर बाजार (DAX) 1.6% नीचे गिर गया।
- अमेरिका का Dow Jones भी 2.2% गिर गया।
- Apple कंपनी के शेयरों में 6% की गिरावट आई।
यूरोपीय देशों ने कहा कि ये फैसला गलत है और इससे व्यापार में झगड़ा बढ़ेगा। सबने बातचीत से समाधान निकालने की बात कही।
📉 महंगाई और मंदी का खतरा
ट्रंप के फैसलों से सिर्फ अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया पर असर पड़ा। अंतरराष्ट्रीय संस्था IMF ने कहा कि अब दुनिया की आर्थिक ग्रोथ कम होगी।
- IMF ने बताया कि 2025 में ग्रोथ रेट 2.8% रह सकती है, जो पहले ज्यादा थी।
- अमेरिका में महंगाई बढ़ने लगी और लोगों की आमदनी घटने का खतरा पैदा हुआ।
🌐 विकासशील देशों पर असर
ट्रंप की टैरिफ नीति का असर भारत जैसे देशों पर भी पड़ा।
- कुछ देशों जैसे बांग्लादेश और वियतनाम को नुकसान हुआ क्योंकि उनका सामान अब अमेरिका में महंगा हो गया।
- भारत को थोड़ा फायदा हुआ क्योंकि कुछ कंपनियों ने चीन की जगह भारत से माल मंगाना शुरू किया।
📱 Apple जैसी कंपनियां दबाव में
Apple जैसी कंपनियों के लिए यह मुश्किल वक्त था। उनके ज्यादातर फोन भारत या चीन में बनते हैं। ट्रंप ने कहा कि अगर Apple ने अमेरिका में फैक्ट्री नहीं लगाई, तो उसके फोन महंगे हो जाएंगे। इससे कंपनी के शेयर गिरे और उसे अपनी योजना बदलनी पड़ी।
🏭 अमेरिका में फैक्ट्रियां बढ़ीं
ट्रंप की टैरिफ नीति से कुछ फायदा भी हुआ। अमेरिका में कुछ कंपनियों ने नई फैक्ट्रियां लगाईं। जैसे कि अमेरिकी कंपनी U.S. Steel और जापान की Nippon Steel ने मिलकर फैक्ट्री खोली, जिससे 70,000 लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है।
लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे आम लोग परेशान हुए क्योंकि उन्हें चीजें महंगी खरीदनी पड़ीं। टैरिफ का बोझ आखिरकार उपभोक्ताओं पर ही पड़ता है।
🧠 नतीजा क्या निकला?
टैरिफ एक तरीका है देश के उद्योगों को बचाने का, लेकिन इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। ट्रंप की नीतियों ने दिखाया कि अगर टैरिफ जरूरत से ज्यादा लगाया जाए, तो उससे महंगाई, बेरोजगारी और व्यापार में झगड़े हो सकते हैं।
❓ सवाल-जवाब
सवाल 1: क्या टैरिफ से देश को फायदा होता है?
- कुछ हद तक हां, लेकिन ज्यादा टैक्स लगाने से चीजें महंगी हो जाती हैं और लोगों की जेब पर असर पड़ता है।
सवाल 2: भारत पर इसका क्या असर पड़ा?
- भारत को थोड़ा फायदा हुआ क्योंकि कुछ व्यापार भारत की ओर बढ़ा, लेकिन पूरी दुनिया की मंदी का असर भारत पर भी पड़ा।
सवाल 3: क्या टैरिफ से महंगाई बढ़ती है?
- हां, जब विदेश से आने वाली चीजों पर टैक्स लगता है तो वो महंगी हो जाती हैं और महंगाई बढ़ती है।
टैरिफ एक मजबूत हथियार है लेकिन सोच-समझ कर इस्तेमाल करना चाहिए। ट्रंप की टैरिफ नीति ने अमेरिका को थोड़ा फायदा दिया, लेकिन पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया। ऐसे कदमों से पहले देश को फायदे और नुकसान दोनों को देखना जरूरी होता है।
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