'ऑपरेशन सिंदूर’ से कांपा पाकिस्तान
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए बर्बर हमले ने भारत के सीने में जो आग लगाई थी, उसका जवाब अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बनकर पाकिस्तान के दिल तक पहुँच चुका है। आतंक के हर ठिकाने को चुन-चुनकर तबाह करने का सिलसिला अब शुरू हो चुका है।
बीते रात भारतीय वायुसेना ने राफेल और सुखोई विमानों के जरिए पाकिस्तान के भीतर छिपे उन आतंकी अड्डों को टारगेट किया जो वर्षों से हमारे वीर सैनिकों और आम नागरिकों के खून के प्यासे थे। बहावलपुर, मुरिदके, कोटली, भिंबर—इन जगहों पर ऐसे हमले हुए कि आतंक के सरगना भागने की जगह भी न पाएँ। यह सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं थी, ये एक संदेश था—कि अब भारत सिर्फ सहन नहीं करेगा, बल्कि सीधा प्रहार करेगा |
इस्लामाबाद अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर शोर मचा रहा है कि भारत ने उसकी संप्रभुता का उल्लंघन किया है। लेकिन कोई ये क्यों नहीं पूछता कि हमारी संप्रभुता पर जब हमला होता है, तब वो चुप क्यों रहता है? भारत ने अब साफ कर दिया है कि ये नया भारत है, और ये आतंक के खिलाफ अब समझौता नहीं, सफाया करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने साफ शब्दों में कहा—"भारत की शांति को उसकी कमजोरी न समझा जाए। हम अब आतंकवाद की जड़ें उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
सरकार ने देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल की घोषणा की है, जिसमें नागरिकों को युद्धकालीन स्थिति में कैसे बचाव करना है, इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। ब्लैकआउट, साइरन, और आपातकालीन निकासी अभ्यास अब सिर्फ फिल्मों की चीज़ नहीं रह गई—अब ये हकीकत बन चुकी है।
यह वो समय है जब हर भारतीय को समझना होगा कि देश की रक्षा केवल बॉर्डर पर नहीं होती, बल्कि हर गली, हर मोहल्ले, हर मोबाइल स्क्रीन पर होती है। हमारी एकता, हमारी जानकारी और हमारी जागरूकता ही असली हथियार हैं
‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, यह एक नई सोच, नई नीति और नया भारत है। अब दुश्मन को सिर्फ धमकी नहीं, परिणाम मिलेगा। जो भारत को ललकारेगा, उसका अंजाम अब इतिहास में दर्ज होगा।
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